
रायगढ़, घरघोड़ा 9 जुलाई 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “स्वच्छ भारत मिशन” को देशभर में क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा गया था। लेकिन घरघोड़ा स्थित अनुविभागीय कार्यालय परिसर इस मिशन का खुलेआम माखौल उड़ाता नजर आ रहा है।
कार्यालय परिसर में चारों ओर फैली गंदगी, कूड़े-कचरे के ढेर, गंदा पानी और सड़ी-गली चीज़ें इस बात की तस्दीक करती हैं कि स्थानीय प्रशासन स्वच्छता जैसे गंभीर विषय पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
मच्छरों की भरमार से बीमारी का खतरा
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि गंदगी और जलभराव की वजह से मच्छरों का आतंक चरम पर है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। कई बार नगर पंचायत और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

प्रशासनिक लापरवाही से आम जनता परेशान
हर दिन दर्जनों ग्रामीण सरकारी कार्यों के लिए इस कार्यालय में आते हैं, लेकिन परिसर की गंदगी, दुर्गंध और अव्यवस्था के कारण उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है। लोगों का कहना है कि जब सरकारी दफ्तरों में ही स्वच्छता नहीं है, तो आम जनता को स्वच्छता का संदेश देना दोहरे मापदंड जैसा है।

नागरिकों की चेतावनी: जल्द हो सफाई, नहीं तो होगा विरोध
नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही अनुविभागीय कार्यालय परिसर की सफाई नहीं करवाई गई, तो वे प्रशासन के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ने पर मजबूर होंगे। लोगों ने जिला प्रशासन से तत्काल सफाई अभियान चलाने की मांग की है।


स्वच्छ भारत की साख दांव पर
जब प्रशासनिक दफ्तर ही गंदगी में सने हों, तो “स्वच्छ भारत अभियान” सिर्फ पोस्टर और भाषणों तक सीमित रह जाएगा। जरूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी मौके पर निरीक्षण कर कड़े कदम उठाएं, ताकि प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी अभियान की गरिमा बनी रह सके।