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इंसाफ को रौंदती तमनार पुलिस!” — सड़क दुर्घटना को साजिश में बदलने का आरोप, अन्नपूर्णा पटनायक का फूटा आक्रोश

रायगढ़ 27 जुलाई 2025। तमनार थाना क्षेत्र के डोलेसरा गांव की निवासी अन्नपूर्णा पटनायक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासनिक व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने 13 जुलाई 2025 को हुए एक सड़क हादसे को “पुलिस प्रायोजित आपराधिक साजिश” बताया है।

प्रेस को जारी बयान और पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में अन्नपूर्णा ने कहा है कि उनके पति प्रकाश पटनायक, जो स्वयं इस दुर्घटना में घायल हुए थे, को तमनार पुलिस ने झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया है।

दुर्घटना या साजिश?

घटना 13 जुलाई की सुबह की है, जब प्रकाश पटनायक अपने साथी वरुण सिदार और एक अन्य व्यक्ति के साथ हुंकाराडिपा से लौट रहे थे। तभी डोलेसरा के पास तेज रफ्तार अर्टिगा कार (CG13 AU 9788) ने उनकी स्विफ्ट कार (CG13 AQ 7543) को टक्कर मार दी।

हादसे में तीनों लोग बुरी तरह घायल हुए, जिनमें से एक व्यक्ति आर.एल. अस्पताल रायगढ़ के आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।

पीड़ित को बनाया आरोपी!

अन्नपूर्णा का आरोप है कि हादसे के स्पष्ट तथ्यों के बावजूद पुलिस ने निष्पक्ष जांच किए बिना उनके पति प्रकाश को ही दोषी बताकर 15 जुलाई को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया।

> “यह अन्याय की पराकाष्ठा है। घायल व्यक्ति को ही पुलिस ने आरोपी बना दिया, जबकि असली दोषी खुलेआम घूम रहा है।” — अन्नपूर्णा पटनायक


गंभीर आरोप पुलिस पर:

पुलिस ने दुर्घटना को जानबूझकर आपराधिक मामला बना दिया।

असली दोषी अर्टिगा चालक को संरक्षण दिया गया।

गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य को नजरअंदाज किया गया।

पुलिस की भूमिका पक्षपातपूर्ण और संदिग्ध रही।


जनता के सवाल:

क्या अर्टिगा चालक किसी प्रभावशाली व्यक्ति से जुड़ा है?

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, वाहन जांच क्यों नहीं की?

क्या तमनार थाना किसी दबाव में कार्य कर रहा है?

न्याय की गुहार और मांगें:

1. घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जाए।


2. असली दोषी अर्टिगा चालक पर कार्रवाई हो।


3. प्रकाश पटनायक को झूठे केस से मुक्त कर रिहा किया जाए।


4. तमनार थाना की भूमिका की विभागीय जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो।



व्यवस्था की अग्निपरीक्षा:

यह मामला सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि पुलिस की निष्पक्षता और जनता के विश्वास की कसौटी है। यदि प्रशासन ने जल्द ही पारदर्शी जांच नहीं कराई, तो यह घटना रायगढ़ पुलिस की साख को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।

बाल विवाह अपराध है, बच्चों के लिए अभिशाप है।

Jane Kurre

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