
घरघोड़ा (रायगढ़) 26 जुलाई 2025। जिले में दिनों-दिन बढ़ रही गोवंश तस्करी की घटनाओं के बीच बीती रात बजरंग दल की सतर्कता और साहसिक कार्रवाई ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। देर रात करीब 2 बजे कंचनपुर के घने जंगलों में हो रही तस्करी की गुप्त सूचना पर बजरंग दल की टीम ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मौके पर पहुंचकर 62 मवेशियों को बूचड़खाने ले जा रहे तस्करों को रंगे हाथों धर दबोचा।

जंगल की आड़ में हो रही थी अवैध तस्करी-
मिली जानकारी के अनुसार तस्कर कंचनपुर के जंगल से मवेशियों के झुंड को लेकर ओडिशा की ओर स्थित एक बूचड़खाने में भेजने की फिराक में थे। लेकिन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को समय रहते सूचना मिल गई, जिसके बाद उन्होंने बिना समय गंवाए इलाके में घेराबंदी कर तस्करों पर धावा बोल दिया।
दो तस्कर गिरफ्तार, तीन फरार-
बजरंग दल की कार्रवाई में मौके से दो तस्करों को पकड़ लिया गया, जबकि तीन तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। पकड़े गए आरोपियों को तुरंत घरघोड़ा थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया, जहां उनके खिलाफ प्राथमिक एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
बहुजिला नेटवर्क की आशंका, पुलिस सक्रिय-
प्राथमिक पूछताछ में यह सामने आया है कि यह मवेशी ओडिशा के लिवरबा क्षेत्र के बूचड़खाने ले जाए जा रहे थे। इस तस्करी रैकेट में रायगढ़ जिले के घरघोड़ा, धर्मजयगढ़, लैलूंगा, बाकरुमा जैसे इलाके शामिल हो सकते हैं। पुलिस अब इन सभी क्षेत्रों में संभावित लिंक की जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
बजरंग दल की बहादुरी की सराहना-
बजरंग दल की इस कार्यवाही से न केवल 62 निर्दोष मवेशियों की जान बचाई गई, बल्कि एक बड़े संगठित गोतस्करी गिरोह की चाल को भी विफल कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों और गोरक्षक संगठनों ने बजरंग दल के इस साहसिक प्रयास की जमकर प्रशंसा की है।

गोतस्करी नहीं सहेंगे, धर्म की रक्षा करेंगे” – बजरंग दल
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सामाजिक संगठन यदि सजग हों, तो बड़े से बड़े अपराध को भी रोका जा सकता है। अब देखना होगा कि पुलिस इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कब तक कर पाती है।