
जशपुर,पत्थलगांव 7 जुलाई 2025 । जशपुर जिले के पत्थलगांव स्थित इंदिरा गांधी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है—लेकिन इस बार कारण शिक्षा या उपलब्धि नहीं, बल्कि एक ऐसा सच है जो रोंगटे खड़े कर दे।
जर्जर भवन, गिरता पलस्तर – किस दिन होगी मौत?
छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव में स्थित इस विद्यालय की हालत किसी खंडहर से कम नहीं। छात्राओं के सिर पर हर दिन खतरे का साया मंडराता है। हाल ही में एक छात्रा के ऊपर स्कूल की छत से मलबा गिर गया। गनीमत रही कि वह गंभीर रूप से घायल नहीं हुई, लेकिन प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन की संवेदनहीनता इस बात से ज़ाहिर होती है कि इस हादसे को ‘गुप्त’ रखने की हर संभव कोशिश की गई।

बेटी पढ़ाओ…? या बेटी छिपाओ…?
छात्रा को चुप रहने के लिए धमकाया गया। कहा गया, “ये तुम्हारे पास गिरा है, बाहर कुछ मत कहना।” क्या यही है सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की ज़मीनी हकीकत?
हज़ारों की मरम्मत राशि…लेकिन खर्च कहां हुआ?
सूत्रों के अनुसार, विद्यालय के भवन की मरम्मत और सुविधाओं के विकास हेतु लाखों रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन हालात जस के तस हैं। RTI के तहत मांगी गई जानकारी में प्राचार्या की ओर से अपूर्ण और भ्रामक जवाब मिले, जिससे शक और गहरा हो गया।

प्राचार्या पर गंभीर आरोप, स्कूल बना ‘दरबारी अखाड़ा’
विद्यालय की प्राचार्या पर तानाशाही, पक्षपात और नियमों की अनदेखी के आरोप लगे हैं। विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि:
चहेते शिक्षक मनमानी से स्कूल आते-जाते हैं
परीक्षा के दौरान भी निजी व्यवसाय (नेटवर्क मार्केटिंग, हर्बल प्रोडक्ट्स, जमीन दलाली) में व्यस्त रहते हैं
गैरकानूनी गतिविधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती
सरकारी आदेशों की धज्जियां, अधिकारी मौन क्यों?
छत्तीसगढ़ शासन का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी शासकीय कर्मचारी यदि निजी व्यवसाय में संलग्न पाया जाए, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन यहां तस्वीर उलटी है। सवाल यह उठता है कि क्या प्राचार्या को राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?
जागो प्रशासन! वरना अगली खबर हो सकती है — ‘विद्यालय में छात्रा की मौत’
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों में भारी आक्रोश है। वे सीधे तौर पर प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं:
छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
लाखों की विकास राशि कहां गई?
RTI में झूठे जवाब क्यों दिए गए?
निजी धंधों में लिप्त शिक्षकों पर कार्रवाई कब?
जनता की मांगें : अब और चुप्पी नहीं!
✅ प्राचार्या को तत्काल निलंबित किया जाए
✅ विद्यालय भवन की मरम्मत अविलंब हो
✅ RTI के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई हो
✅ लापरवाह शिक्षकों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो
✅ मामले की स्वतंत्र जांच कमेटी गठित की जाए
ये सिर्फ एक स्कूल की कहानी नहीं, ये पूरे तंत्र पर सवाल है। जवाबदेही तय नहीं हुई, तो आने वाले हादसे की ज़िम्मेदारी किसकी होगी?”