
रायगढ़,घरघोड़ा, 06 अक्टूबर 2025। घरघोड़ा क्षेत्र में प्रशासन की उदासीनता एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। वार्ड क्रमांक 07 पंचशील बस स्टैंड निवासी भरत खण्डेल और उनका परिवार बीते कई दिनों से सड़क किनारे खुले आसमान तले जीवन गुजारने को मजबूर है।

जानकारी के अनुसार, 23 सितंबर 2025 को प्रशासन ने खसरा नंबर 455/7 रकबा 0.162 हेक्टेयर पर बने खण्डेल परिवार के लगभग पचास वर्ष पुराने मकान को विवादित परिस्थितियों में ध्वस्त कर दिया। इसके बाद से परिवार में बूढ़े, बच्चे और महिलाएँ लगातार बारिश, आंधी-तूफान और कड़ी धूप में खुले में रह रहे हैं।
पीड़ित भरत खण्डेल ने बताया कि मकान तोड़े जाने के बाद उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा एवं थाना प्रभारी घरघोड़ा को आवेदन देकर अनशन की सूचना भी दी थी। लेकिन इसके बावजूद अब तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा और न ही परिवार को कोई राहत, मुआवजा या अस्थायी आवास मुहैया कराया गया है।

भरत खण्डेल ने कहा, “हमने हर जगह न्याय की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई सुनवाई नहीं की। हमारा पूरा परिवार सड़कों पर है, हमारे पास न घर है, न सुरक्षा, न ही खाने की स्थायी व्यवस्था।”

इस घटना पर भीम आर्मी ब्लॉक इकाई घरघोड़ा ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ब्लॉक उपाध्यक्ष- संपत कुर्रे ने कहा कि यह प्रशासन की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता का मामला है। उन्होंने कहा कि एक अनुसूचित जाति परिवार के साथ इस तरह का अन्याय अस्वीकार्य है। “यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो भीम आर्मी सड़क पर उतरकर आंदोलन को तेज करेगी,” उन्होंने कहा।
स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने दिनों से परिवार सड़क पर रह रहा है, फिर भी कोई अधिकारी मौके पर देखने नहीं आया। यह न केवल मानवता के विरुद्ध है बल्कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन भी है।
मांगें:-
1.खण्डेल परिवार को त्वरित राहत और अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाए।
2.मकान तोड़े जाने की घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
3.पीड़ित परिवार को मुआवजा और पुनर्वास सहायता दी जाए।
4.जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।