
रायपुर, 4 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मितानिन संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज भी जारी रही। राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास घेराव की तैयारी कर रहीं मितानिनों को पुलिस ने कई जिलों में रोक दिया। बताया जा रहा है कि राज्यभर की करीब 75 हजार मितानिनें रायपुर पहुंचकर घेराव करने वाली थीं, लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए राजधानी में प्रवेश रोक दिया। नतीजतन, कई जिलों में मितानिनों ने चक्काजाम और जोरदार प्रदर्शन किया।
रायगढ़ में रोका गया काफिला
रायगढ़ जिले में 27 अगस्त से तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रही मितानिनें आज रायपुर कूच करने निकली थीं। लेकिन पुलिस ने उन्हें कोडातराई पुसौर चौक के पास रोक दिया। अचानक रोक दिए जाने से नाराज मितानिनों ने वहीं पर नारेबाजी शुरू कर दी। उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही और आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।
प्रदेशभर में उबाल
मितानिनों की यह हड़ताल 7 अगस्त से चल रही है, लेकिन गुरुवार को इसका असर प्रदेशभर में और ज्यादा देखने को मिला।
गरियाबंद जिले में राजिम-गरियाबंद मार्ग पर पोंड गांव के पास करीब 200 महिलाएं हाईवे पर बैठ गईं और घंटों सड़क जाम किया।
बालोद जिले में मितानिनें मुख्यमंत्री निवास घेरने रवाना हुईं, लेकिन पुलिस ने झलमला चौक पर रोक दिया और वाहनों को जब्त कर लिया।
कांकेर जिले में भी पुलिस ने आंदोलनकारियों को राजधानी जाने से रोका, जिसके बाद उन्होंने सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया।
जांजगीर-चांपा, सूरजपुर और महासमुंद जैसे जिलों में भी महिलाएं धरना-प्रदर्शन में शामिल हुईं।
मितानिन संघ की प्रमुख मांगें हैं:
उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में शामिल किया जाए।
मासिक मानदेय में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
ठेका प्रथा समाप्त की जाए।
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
लगातार हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और ग्रामीण मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर नहीं मिल पा रही हैं। बावजूद इसके, मितानिन संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगी।