
घरघोड़ा (रायगढ़) 29 जुलाई 2025। वार्ड क्रमांक 07 स्थित एक दलित परिवार के आशियाने पर संकट मंडरा रहा है। भरत खंडेल नामक पीड़ित ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके पड़ोसी जगन्नाथ ठाकुर द्वारा उन्हें लंबे समय से मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

इस संबंध में भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला उपाध्यक्ष संपत कुर्रे के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी (SDM) घरघोड़ा को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि भरत खंडेल के पिता स्व. प्रहलाद द्वारा लगभग 50 वर्ष पूर्व जिस भूमि पर मकान बना कर परिवार सहित निवास किया जा रहा था, उसे अब जबरन खाली कराने की कोशिश हो रही है।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि पिछले दो दशकों से जगन्नाथ ठाकुर एवं उनके परिवार द्वारा लगातार डराने-धमकाने, गाली-गलौज, आंगन में निर्माण कार्य में बाधा डालने और नाली को मुख्य द्वार से जोड़ने जैसी हरकतें की जा रही हैं।
न्यायालय और प्रशासन की लापरवाही भी उजागर
ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि 15 दिसंबर 2022 को व्यवहार न्यायालय घरघोड़ा से त्रुटिवश कब्जा वारंट जारी हुआ, जबकि मामला न्यायालय में लंबित था। इसके बावजूद नगर पंचायत द्वारा 10 सितंबर 2024 को मकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया। 14 जुलाई 2025 को प्रशासनिक अमले और पुलिस प्रोटेक्शन के साथ जेसीबी मशीन से घर उजाड़ने की कोशिश की गई, जो कि न्याय प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है।
सीमांकन में हुआ खुलासा, फिर भी दबाव जारी
राजस्व निरीक्षक द्वारा किए गए भूमि सीमांकन में यह स्पष्ट हुआ कि विवादित भूमि (ख.नं. 455/6) पहले से ही जगन्नाथ ठाकुर के कब्जे में है और भरत खंडेल का घर उसके बाहर स्थित है। इसके बावजूद दलित परिवार को नाजायज ढंग से परेशान किया जा रहा है।
भीम आर्मी की चेतावनी – सड़कों पर होगा आंदोलन
भीम आर्मी भारत एकता मिशन ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में दोषियों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।



यह मामला सिर्फ भूमि विवाद नहीं, बल्कि सामाजिक अन्याय, जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक असंवेदनशीलता का जीवंत उदाहरण बन चुका है।
पीड़ित भरत खंडेल ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर न्याय की गुहार लगाई है।