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धरमजयगढ़ में पीडब्ल्यूडी और इरकॉन की लापरवाही बनी जानलेवा खतरा – बिना अनुमति खुदाई, वाहन फंसा, चोरों ने किया हमला!

बिना अनुमति खुदाई, चेतावनी बोर्ड गायब – इरकॉन की लापरवाही से धरमजयगढ़ की सड़कें बनी मौत का जाल

एनओसी के नाम पर लीपापोती, शिकायतें फाइलों में बंद – धरमजयगढ़ की सड़कें बनीं हादसों की जड़

रायगढ़,धरमजयगढ़ 29 जून 2025 । धरमजयगढ़ में लोक निर्माण विभाग (PWD) और रेलवे लाइन निर्माण कर रही इरकॉन प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही अब आमजन की जान के लिए खतरा बन गई है। चार महीने से हाटी-सिथरा मुख्य मार्ग पर बिना अनुमति खुदाई चल रही है, लेकिन न चेतावनी बोर्ड है, न ही सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग। नतीजा—गाड़ियों का फंसना, अंधेरे में हादसे और अब अपराध तक।

देर रात बड़ी घटना – वाहन फंसा, चोरों ने हमला कर डीजल टंकी तोड़ी

जशपुर से कोरबा जा रहा मालवाहक वाहन रात करीब 2 बजे खुदाई वाले गड्ढे में फंस गया। अंधेरे में कोई संकेत नहीं था। चालक मोहनलाल सारथी ने बताया –

> “गाड़ी फंसी, मदद नहीं मिली। तभी दो वाहन में चोर आए और डीजल टंकी का लॉक तोड़ ले गए। अगर मेरी जान चली जाती, तो कौन जिम्मेदार होता?”

बिना अनुमति खुदाई, फिर भी ‘छूट’ क्यों?

सूत्रों के मुताबिक, इरकॉन ने पीडब्ल्यूडी की अनुमति के बिना ही मुख्य सड़क की खुदाई कर दी। पास में अस्थायी मार्ग भी बनाया गया, जो मानकों पर खरा नहीं उतरता। यह शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ और आपराधिक लापरवाही का सीधा मामला है।

शिकायत की गई, कार्रवाई ठंडे बस्ते में

9 मई को ग्राम मुन्नूद के सुशासन तिहार शिविर में नीरज बिस्वास ने इसकी विधिवत शिकायत की थी। पहले एफआईआर की बात हुई, फिर कुछ ही दिनों में अफसरों ने रुख बदलते हुए कहा –

> “इरकॉन ने एनओसी के लिए आवेदन दिया है, इसलिए अब कोई दिक्कत नहीं है।”



अपराध के बाद एनओसी – क्या यही है नया नियम?

क्या अब बिना अनुमति खुदाई करने के बाद एनओसी का आवेदन देना कानूनी संरक्षण बन गया है? जनता पूछ रही है – क्या ठेकेदारों को अभयदान मिला हुआ है?

मानसून में बन सकता है जानलेवा रास्ता

बरसात की शुरुआत हो चुकी है। सड़कों पर गड्ढे, अस्थायी रास्ते और बिना संकेतक वाली स्थिति में रोज़ हजारों लोग गुजर रहे हैं। प्रशासन की नींद कब खुलेगी – किसी की जान जाने के बाद?

यह सिर्फ एक गाड़ी के फंसने की कहानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की गहरी नींद और मिलीभगत का खुलासा है।
जनता अब खामोश नहीं रहेगी – या तो जवाबदेही तय हो, या फिर जवाब जनता देगी!

“सड़क टूटी है, लेकिन फाइल बिलासपुर में!”

धरमजयगढ़ के PWD इंजीनियर गौरव शर्मा ने जवाब दिया –

> “इरकॉन ने एनओसी मांगी है, हमने बिलासपुर भेज दी है।”
जनता का सवाल है – जब सड़कें टूटी हैं, तब फाइलों का घूमना किस संवेदनशीलता को दर्शाता है?


जनहित में उठी पांच बड़ी मांगें:

1. इरकॉन पर शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ और जनसुरक्षा से खिलवाड़ का आपराधिक केस दर्ज हो।


2. पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर स्वतंत्र जांच हो।


3. निर्माण स्थल पर चेतावनी बोर्ड, बैरिकेडिंग, रिफ्लेक्टर युक्त संकेतक अनिवार्य रूप से लगें।


4. स्थानीय जनप्रतिनिधि व मीडिया की निगरानी में प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक हो।


5. सभी अस्थायी मार्गों की गुणवत्ता की तीसरे पक्ष से तकनीकी जांच कराई जाए।

बाल विवाह अपराध है, बच्चों के लिए अभिशाप है।

Jane Kurre

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