
रायपुर 9 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन लगातार कमजोर होता जा रहा है। प्रदेश में शांति और विकास की दिशा में एक और बड़ी सफलता मिली है। आज नारायणपुर जिले में कुल 16 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि “बस्तर अब बदल रहा है। यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी मानवीय पहल ने उन लोगों के दिलों में नई उम्मीद जगाई है, जो कभी भटककर लाल आतंक के रास्ते पर चले गए थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन 16 माओवादी कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने हिंसा का मार्ग त्यागकर शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की राह चुनी है।
साय ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जनता का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। सुरक्षा बलों की दृढ़ता और जनभागीदारी ने बस्तर में शांति और विकास का वातावरण बनाया है।
उन्होंने बताया कि पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियां बस्तर को एक नए युग की ओर ले जा रही हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल नक्सलवाद का अंत करना नहीं, बल्कि हर गांव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुंचाना है।