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पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास : अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक शर्मा का ऐतिहासिक फैसला

रायगढ़,घरघोड़ा 30 जुलाई 2025 । शक की जड़ें जब रिश्तों को निगल जाती हैं, तो प्यार का वजूद दम तोड़ देता है।” ऐसा ही एक हृदय विदारक मामला ग्राम चिर्रामुड़ा से सामने आया, जहाँ एक नवविवाहिता खुशबू बेहरा की हत्या उसके ही पति अनिल कुमार बेहरा ने कर दी।

थाना तमनार के अपराध क्रमांक 166/2022 के अनुसार यह जघन्य घटना 29 अप्रैल 2022 की रात की है। अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त अनिल कुमार ने चरित्र शंका को लेकर अपनी पत्नी से विवाद किया और गुस्से में आकर तकिए से उसका मुंह और नाक दबाकर हत्या कर दी। हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए उसने पत्नी को पलंग से गिरने से घायल होने का नाटक किया और तमनार अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं से मृतिका के माता-पिता को सूचना दी गई, लेकिन जब वे अस्पताल पहुंचे तो बेटी खुशबू की सांसे थम चुकी थीं।

मृतिका के माता-पिता को पहले तो कुछ समझ नहीं आया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी। रिपोर्ट में बताया गया कि खुशबू की मृत्यु हत्यात्मक थी। इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो अभियुक्त अनिल ने अपराध स्वीकार कर लिया।

थाना प्रभारी जी.पी. बंजारे ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 एवं 201 के तहत चालान न्यायालय में पेश किया। अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान अभिषेक शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अनिल कुमार बेहरा को दोषी करार दिया।

अदालत ने धारा 302 के तहत उसे आजीवन कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड तथा धारा 201 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के जुर्माने से दंडित किया।

फैसले के बाद कोर्ट परिसर में भावनात्मक माहौल बन गया। खुशबू के माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े — न्याय मिल गया, पर बेटी कभी वापस नहीं आएगी।

महज दो महीने पहले सात फेरे लेकर ससुराल पहुंची एक नवविवाहिता को यह नहीं पता था कि उसी घर की चारदीवारी उसके जीवन की अंतिम सीमा बन जाएगी।

कहते हैं, शक की दीवार जब विश्वास को तोड़ देती है, तब रिश्ते कब्र में बदल जाते हैं। और यही हुआ खुशबू के साथ।

यह निर्णय समाज को यह संदेश देता है कि नारी के खिलाफ अपराध करने वालों को कानून बख्शता नहीं है।

बाल विवाह अपराध है, बच्चों के लिए अभिशाप है।

Jane Kurre

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