
पत्थलगांव, जशपुर 9 सितंबर 2025। पालीडीह पंचायत में सचिव गनपत सीदार द्वारा पंचायत कार्यों में अरुचि और सचिवालय में असमय उपस्थिति के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत का कार्य ग्राम सभा व ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन, योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी, आय-व्यय का लेखा-जोखा और नागरिकों के प्रमाण पत्र बनाने जैसी जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है। परंतु सचिव द्वारा दो जगह प्रभार संभालने और कार्यों में लापरवाही बरतने से ग्रामवासियों की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।
पालीडीह पंचायत, जो जशपुर जिले के पत्थलगांव जनपद अंतर्गत आता है, पिछड़े जनजातीय व आदिवासी समुदायों का निवास क्षेत्र है। सरकार द्वारा रोजगार से जोड़ने हेतु कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पूर्व विधायक रामपुकार सिंह के प्रयासों से मुख्य मार्ग पर कैंडिंग सह ढाबा कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना बनी थी, जिससे गरीब व बेरोजगार परिवारों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल सकता था। साथ ही पंचायत को भी आय का साधन मिल सकता था।
लेकिन पंचायत सचिव की मनमानी रवैये के चलते योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुँच पा रहा। ग्रामीणों का कहना है कि आय-व्यय की पारदर्शिता की मांग पर सचिव गोलमोल जवाब देकर जिम्मेदारियों से बचते हैं और मीटिंग का हवाला देकर सचिवालय से नदारत रहते हैं। न तो योजनाओं की जानकारी समय पर दी जाती है और न ही लाभार्थियों की समस्याओं का समाधान हो पा रहा है। आवेदन लंबित पड़े हैं, और योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीणों ने सचिव गनपत सीदार को प्रभार से हटाने की मांग करते हुए जनपद प्रशासन से हस्तक्षेप की अपील की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसे ही उदासीन रवैये के साथ योजनाओं का संचालन होता रहा तो विकास की दिशा में उठाए गए कदम अधूरे रह जाएंगे।
अब यह देखना होगा कि जनपद प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे में क्या भूमिका निभाता है, और क्या ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकेगा या फिर विकास की राह में बाधाएँ बनी रहेंगी।