
रायगढ़ 11 सितंबर 2025। संभावित इन्फ्लूएंजा के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को मॉकड्रिल का आयोजन कर अस्पताल की तैयारी, बेड क्षमता, दवाइयों की उपलब्धता और अन्य जरूरी सुविधाओं की जांच की गई। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता का परीक्षण किया।

स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में मॉकड्रिल कर संभावित इन्फ्लूएंजा से संक्रमित डमी मरीज का इलाज शुरू किया गया। अस्पताल पहुंचते ही एम्बुलेंस से उतार कर पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मियों ने ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त स्ट्रेचर पर मरीज को चिन्हांकित आइसोलेशन वार्ड तक पहुँचाया। वहाँ चिकित्सकों ने ऑक्सीमीटर से मरीज के ऑक्सीजन स्तर की जांच की और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर भर्ती कर उपचार शुरू किया। वेंटिलेटर, मल्टीपैरामीटर और वाइटल साइन मशीन की मदद से मरीज की लगातार निगरानी की गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9 से 11 सितंबर तक मॉकड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में सर्विलांस गतिविधियों को मजबूत करने तथा बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, पीपीई किट आदि आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता की जांच की जा रही है। अस्पतालों को आईएचआईपी पोर्टल पर अपनी सुविधाओं का विवरण अपलोड करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम.के. मिंज ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल की ओपीडी में सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने संभावित इन्फ्लूएंजा की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा हेतु मॉकड्रिल करवाई है। उन्होंने सभी संबंधित अस्पतालों को निरीक्षण कर संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
लक्षण:
इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित होने पर तेज बुखार, शरीर में दर्द, गले में खराश, सर्दी, खाँसी और कभी-कभी उल्टियों की समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और संक्रमित व्यक्ति को परिवार से अलग रखें। साथ ही ठंडी वस्तुओं के सेवन से बचें।
स्वास्थ्य महकमा लोगों से सतर्क रहने और समय पर इलाज कराने की अपील कर रहा है।