
रायगढ़, खरसिया 14 अक्टूबर 2025। जिले की सहकारी समितियों में मनमानी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। कृषि साख सहकारी समितियों को निजी संपत्ति समझने वाले संचालक और प्रबंधकों की मनमानी से समितियां लगातार घाटे में जा रही हैं। ताजा मामला खरसिया विकासखंड की तुरेकेला सहकारी समिति का है, जहां भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व प्रबंधक के बेटे को ही नए प्रबंधक के रूप में बिठा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024-25 में तत्कालीन प्रबंधक तिहारूराम जायसवाल ने लगभग 8955 क्विंटल धान, जिसकी कीमत करीब ₹2.77 करोड़ है, की बोगस खरीदी कर शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया था। इस मामले में तिहारू जायसवाल और सूरज जायसवाल के खिलाफ खरसिया थाने में अपराध दर्ज किया गया था। फिलहाल दोनों जमानत पर हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि अब ओआईसी चितावर सिंह सिदार, जो भाजपा समर्थित अशासकीय प्राधिकृत अधिकारी हैं, ने तिहारू जायसवाल के बेटे डमरू जायसवाल को ही समिति का प्रबंधक नियुक्त कर दिया है। इस फैसले ने सहकारी तंत्र में हड़कंप मचा दिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रविंद्र गबेल ने इस पूरे मामले की शिकायत एसडीएम खरसिया से की है। उनका कहना है कि जब तक तिहारू जायसवाल से गबन की राशि की वसूली नहीं होती, तब तक उसके परिवार के किसी सदस्य को समिति में जिम्मेदारी देना अनुचित और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला कदम है।
इस बीच, डीआरसीएस वी.एन. साहू ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि —
“प्रबंधक की नियुक्ति का अधिकार ओआईसी को नहीं है। इसके लिए ज्वाइंट रजिस्ट्रार का अनुमोदन अनिवार्य है। तुरेकेला में की गई नियुक्ति नियम विरुद्ध है।”
बताया गया है कि इससे पहले समिति के प्रबंधक ललित साहू को खाद वितरण में गड़बड़ी पाए जाने के बाद हटा दिया गया था। मामले की जांच एसडीएम खरसिया द्वारा की जा रही है।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का उदाहरण है कि कैसे सहकारी समितियों का राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस नियुक्ति में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।